Adipurush Audience Review: ओम राउत के निर्देशन में बनी ‘आदिपुरुष’ आज हर जगह रिलीज हो गई है. लेकिन इस फिल्म ने दर्शकों की उम्मीदों पर पानी फेर कर रख दिया है. इस फिल्म के संवाद दर्शकों को प्रभावित करने में असफल रहे। इस फिल्म में भगवान हनुमान जी द्वारा बोला गया एक डायलॉग सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.
कई लोगों ने कहा कि फिल्म धार्मिक पृष्ठभूमि पर बनी है, इसलिए इसमें भाषा की गंभीरता की जरूरत है। लेकिन ओम राउत ने यहां गलती कर दी और ‘हनुमान’ के डायलॉग दिए, जो दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम रहे।कई लोगों का कहना है कि ये डायलॉग चोरी का है और इसके लिए उन्होंने कुछ लिंक्स शेयर किए हैं और ट्वीट किए हैं.
मनीष कुमार ने एक व्हिडिओ शेअर करके कहा “मनोज शुक्ला मुंतसिर ने यही से डायलॉग चुराकर चिपका दिया आदिपुरुष में,,”
वहीं नवनीत नाम के युजर ने ट्विट रीप्लाय में डॉ.कुमार विश्वास की एक पुरानी व्हिडिओ क्लिप शेअर कर कहां “नही यहां से चुराता था“
मनोज शुक्ला खुलकर बोले डायलॉग के बारे में
बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया के बीच, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर संवादों को सरल रखा ताकि दर्शक इससे जुड़ सकें। उन्होंने रिपब्लिक टीवी से कहा, “फिल्म के संवादों को लिखने में पूरी तरह से सावधानीपूर्वक विचार किया गया है। हमारे यहां दादी-नानी इसी तरह की भाषा में रामायण सुनाती हैं।”
आदिपुरुष फ़िल्म के निर्देशक और लेखक भारत के मानस को समझ नहीं पाए
बीबीसी की पत्रकार सर्वप्रिया सांगवान लिखती है ” ऐसा लगता है कि आदिपुरुष फ़िल्म के निर्देशक और लेखक भारत के मानस को समझ नहीं पाए हैं. जिस तरह की राइटिंग, लेखक मनोज शुक्ला ट्विटर के कुछ दस हज़ार लोगों की वाहवाही के लिए करते हैं, उन्हें शायद ये ग़लतफ़हमी हुई कि अब पूरा भारत ऐसे ही राम को चाहता है. कुछ कारों के पीछे लगे हनुमान जी के ग़ुस्सैल भावों वाले स्टिकर से उन्होंने सोच लिया कि भारत के लोग बदल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ऐसे लोग हैं ही नहीं. ज़रूर हैं पर वे भारतीय समाज के प्रतिनिधि नहीं हैं. इस फ़िल्म पर आई आम लोगों की प्रतिक्रिया से तो लगता है कि वे अब भी राम को करुणा, सौम्यता और मर्यादा की छवि मानते हैं. अगर हनुमान उनके भक्त हैं तो उनके जैसे ही होंगे ना. भक्ति का अर्थ तो सब समझते हैं ना. “
ट्विट डिलिट करके बुरे फंसे ओम राउत
जब आपके उपर लोग बातें करने लगते है तो आपका अतीत भी कुरेद देते है | अब ओम राउत का एक पुराना ट्वीट फिर से सामने आ गया है। 2015 के ट्वीट में जो उनके सत्यापित खाते से प्रतीत होता है, उन्होंने लिखा, “क्या भगवान हनुमान बहरे थे? मेरी बिल्डिंग के लोग ऐसा सोचते हैं। हनुमान जयंती पर “वास्तव में जोर से” जैसे तेज संगीत बजाना। साथ ही सभी अप्रासंगिक गाने बज रहे है| डिलिट ट्विट लिंक यहां देखें
Was GodHanuman deaf? People across my building thinkso. Playing loud music, like “really loud” on Hanuman Jayanti. Plus all irrelevant songs
आदिपुरुष फ़िल्म के डायलॉग
‘कपड़ा तेरे बाप का जलेगी भी तेरे बाप की’
आदिपुरुष फिल्म के एक सीन में इंद्रजीत, बजरंग की पूंछ में आग लगाने के बाद कहते हैं –
‘जली ना अब और जलेगी,बिचारा जिसकी जलती है वही जानता है।’इस डायलॉग के बाद बजरंग बली के किरदार कहते हैं
‘कपड़ा तेरे बाप का…तेल तेरे बाप का..आग तेरे बाप की…तो जलेगी भी तेरे बाप की।’ जिसे सुनकर दर्शक काफी नाराज है|
‘ऐ तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया’
एक सीन में विभीषण का डायलॉग है ,वे रावण से कहते हैं ‘आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।’
फिल्म के एक सीन में बजरंग बली जी का एक डायलॉग इस प्रकार है
‘जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे,उनकी लंका लगा देंगे।’
फिल्म के एक और सीन में, लक्ष्मण पर वार करने के बाद एक डायलॉग आता है
‘मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया,
अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।’
वहीं फिल्म के एक सीन में जब रावण को अंगद ललकारते हैं,
तो वे कहते हैं कि रघुपति राघव राजा राम बोल,अपनी जान बचा ले,
वरना आज खड़ा है, कल लेटा हुआ मिलेगा।
सोशल मीडिया पर नेटिजंस, ‘आदिपुरुष को देखने के बाद रामानंद सागर की ‘रामायण’ के प्रति सम्मान बढ़ गया है।’
एक ने मेकर्स को ‘भगवान से डरो’ कहकर ट्रोल किया।
कुछ लोग इस फिल्म का सपोर्ट कर रहे हैं तो कुछ लोग खूब ट्रोल कर रहे हैं.
इतना सब होने के बाद अब देखना यह होगा कि दर्शक इस फिल्म को कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। सबकी निगाहें इस फिल्म की कमाई पर भी हैं.
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First Published by Team Jaaglya Bharat on 17, JUN 2023, 20:20 PM
WebTitle – “Kapada Tere Baap Ka Jalegi Bhi Tere Baap Ki” dialogue stolen by Manoj Muntashir Shukla